अकबर ने मजाक करते हुए पूछा- बीरबल, मेरी हथेली में बाल क्यों नहीं हैं ? बीरबल ने कहा- जहाँपनाह, आप दान बहुत देते हैं ना इसलिए देते-देते आपकी हथेली के बाल घिस गए हैं। अकबर ने फिर पूछा- जो दान देते नहीं उनकी हथेली में बाल क्यों नहीं होते ? दान लेते-लेते उनके बाल घिस जाते हैं। तो मेरा अंतिम सवाल बीरबल- जो लेते भी नहीं और देते भी नहीं उनकी हथेली में बाल क्यों नहीं होते ? जहाँपनाह, वे केवल हाथ मसलते रहते हैं इसलिए मसलते-मसलते बाल गायब हो जाते हैं। जरा हम सोचें, हमारी हथेली में बाल क्यों नहीं हैं ?
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें