शनिवार, 11 दिसंबर 2010

दक्षिण भारत का चाणक्य

विद्यारण्य को दक्षिण भारत का चाणक्य कहा जाता है। बारहवीं शताब्दी आते-आते यवनों के निरंतर हमलों द्वारा भारत की सांस्कृतिक एकता छिन्न-भिन्न हो चुकी थी। गजनवी, गोरी के हमले हो चुके थे। ऐसे में चैदहवीं शताब्दी में दक्षिण भारत के दो भाई हरिहरराय एवं बुक्काराय ने विजयनगरम् साम्राज्य की स्थापना की । इसका पूरा श्रेय विद्यारण्य को जाता है, जो कि उनके कुलगुरू थे। उनने श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य विद्यातीर्थ से शिक्षा ली थी । मुसलिम आक्रांता उन दिनों दक्षिण भारत तक आ गए थे। पुजारी पवित्र तीर्थो को छोड़कर भाग चुके थे। छल-बल से हिन्दू  राज्य समाप्त होते जा रहे थे। विद्यारण्य को उनके गुरूजनों ने भारत के पुनर्जागरण का दायित्व सौंपा था। 1336 ई0 में विजयनगरम् राज्य की नींव उनने रखी। तुंगभद्रा नदी के तट पर बसे इस राज्य को उस समय का सबसे का सर्वाधिक शक्तिशाली संपन्न राष्ट्र कहा जाता है। ग्यारह लाख देशभक्त युवाओं को सेना में भरती किया गया था । पूरा पूर्वी तट विद्यारण्य के कब्जे में था। उनने न केवल यवनों के हमलों  से दक्षिण भारत की रक्षा की, ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में भी अपने राज्य को चरम उत्कर्ष तक पहुँचाया, पर जीवन भर कभी कोई शस्त्र धारण नहीं किया। उसकी तपःपूत वाणी, लेखनी व नेतृत्व का ही यह चमत्कार था। 

सच्चा चिकित्सक

ईसा का अधिकांश समय पापी, दुखियों के साथ बीतता। वे उनसे चर्चा करते, उन्हें सुधारने, उनके कष्ट मिटाने की सेवा-सहायता में लगें रहते। एक दिन धन एवं विद्धानों की मंडली उनके पास आई व कहने लगी कि आप हम वरिष्ठों पर अधिक ध्यान क्यों नही देते। हम जो आप की सहायता करेगें वह आपके ही कम आएगी । ईसा सुनकर बोले- ‘‘रोगी को चिकित्सक की आवश्यकता पड़ती है । सच्चा चिकित्सक वही है, जो रोगीयों की व्यथा समझे, उनकी सहायता करे । मेरा कार्यक्षेत्र यही रोगी-दुखी-पथ भूले लोग हैं। 

नागारानी गिडालू

नागारानी गिडालू के बारे में आम भारतवासी अधिक जानता नही है। नागारानी नागा पहाडियों की पवित्र संतान कोबाई कबीले के एक पुरोहित के घर जन्मी थी। सोलह साल की गिडालू पर भारत भर में चल रहे असहयोग आंदोलन का बड़ा प्रभाव पड़ा, जब उसकी प्राचार्या ने राष्ट्रधर्म के बारे मे बताया। उसने दस-पंद्रह सहयोगिनी बहनों का एक सगठन बनाया । धीरे-धीरे यह संगठन बड़ा होता गया। अनेक कबीले अँगरेज सत्ता के विरोध में उठ खडे हुए और उन्होने विदेशी वस्तुओं की होली जलाई । पुलिस ने अपना दमनचक्र चलाया । अततः उन्हें गिरफ्तार कर आजन्म कारावास की सजा मिली। आजादी के भी दो वर्ष बाद 19 जुलाई, 1949 को वे 18 वर्ष की सजा काटकर निकली। तब वे 37 वर्ष की प्रोढा हो चुकी थीं, पर उनके जेल में रहते हुए क्रांति  की जो चिनगारी फूटी, उसने पूरे नेफा क्षेत्र में एक अलख जगा दी। अपनी सारी जवानी आजादी के लिए कुरबान कर देने वालों को सारा राष्ट्र नमन करता है।

वीरमती

भारतीय नारियाँ अपने आदर्श चरित्र, सतीत्व रक्षा और वीरता के लिए संसार भर में प्रसिद्ध रही है। जब भी जरूरत पड़ती है, उन्होनें अपने प्राण भी दिए हैं। वीरागंना वीरमती ऐसा ही एक नाम है। चोदवी सदी में राजा रामदेव अपनी वीरता के लिए विख्यात थे। देवगिरि उनकी राजधानी थी। दिल्ली में अलाउद्दीन खिलजी का राज्य था। जिसके लिए उसने इतना खून-खराबा किया, चितौड़ पर चढ़ाई की, वह पद्मिनी तो उसे मिल न सकी, मिले मात्र खड़हर एवम जौहर व्रत धारण कर अग्निदेव की शरण ले चुकी क्षत्राणियों की भस्म। क्रूर खिलजी की निगाह देवगिरि पर पड़ी । देवगिरि के राजा ने स्पष्ट कह दिया कि स्वाधीनता  के लिए उसका देश खून बहा देगा। दुःखद बात यह थी कि राजा का सुयोग्य सेनापति मराठा वीर एक अन्य लड़ाई में मारा गया था। उसके जमाता श्रीकृष्णराव को सेनापति नियुक्त किया गया था। वीरमती उस वीर सेनापति की पुत्री थी, जो श्रीकृष्णराव को ब्याही गई थी। श्रीकृष्णराव वीर था, पर वीरमती जानती थी कि वह विश्वासपात्र नहीं है। जब लगा कि यह खिलजी से मिलकर अपने राज्य पर ही हमला करने वाला है। तो पुरूषवेश धारण कर वीरमती पति के पीछे चल पड़ी। उसने जब उसे भेद बताते देखा तो अपने पति के कलेजे में तलवार भोंक दी और दूसरे ही क्षण स्वंय को भी मार दिया । राज्य एक देशद्रोही के हमले से बच गया, पर वीरमती वीरगति को प्राप्त हुई। 

शत्-शत् नमन

‘‘साधु-ब्राह्मणों के देव समुदाय से पूछना पड़ेगा कि वे व्यक्तिगत सुविधाओं में कटौती करके सत्प्रवृत्ति संवर्द्धन की सेवा-साधना के लिए क्यों अपने को समर्पित करते रहे है। ऋषियों ने गरीबों जैसा बाना क्यों पहना ? इसका उत्तर भी उसी समाधान के साथ जुड़ा है, जिसमें खाने कि तुलना में खिलाने का जायका अत्यधिक स्वादिष्ट पाया जाता है। ईश्वरचंद्र विद्यासागर, भामाशाह, मांधाता, अशोक, हर्षवर्धन से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने अपनी संपदा विलास कि लिए, उत्तराधिकारियों के लिए जोड़कर क्यों नहीं रखी ? बुद्ध और गांधी से पूछा जाना चाहिए कि वे अपने बुद्धि कौशल से वैभव खरीदने की समझदारी से क्यों अछूते रह गए ?’’
‘‘वस्तुतः इन दिनो प्रवाह भी कुछ ऐसा बह चला है, जिससे पशु-प्रवृत्तियों के क्षेत्र में श्रृगालों जैसा कुहराम मचाने वाले वरिष्ठता के दावेदार बनते हैं और नीरक्षीर-विवेक वाले- राजहंस की बिरादरी वाले मूर्खता के लांछन से लदते और उपहासयास्पद बनते हैं। यथार्थता हमेशा वही रहेगी। मानवीय गरिमा के अनुरूप कर्तव्य पालन  को सदैव श्रेय मिलेगा तथा उनके चरणों पर लोकचेतना का भावभरा मस्तक शत्-शत् नमन करेगा।’’  


YAH BHI BEET JAYEGA.


1- Ast (set) hote surya or chandrama ko dekhne se rog ki utpati hoti hai.

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2- Jis insan ke andar pap basa huaa hai, Wahi doosaron ke dosh dekhata hain.
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3- Vishram aur Upavas sarvottam aushadhi hai.
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4- Bachchon ko pahala path aagya palan ka sikhana chahiye.
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5- jo svar chal raha hon usi kadamako ghar se nikalate hue aagebadho.
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6- Nice lines:- Why we have so many Temple. If god is every where ?
.....Ans:- Air is every where but we need a fan To Feel It ...
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7- Vivek kee sabase pratyaksh pahachan, Satat prasannata hai.
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8- Ekagr-chintan vanchhit fal deta hai.
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9- Raja praja ke,Guru shishya ke,Pati patni ke tatha pita putra ke punya-pap ka chata (6ta) ansh prapt kar leta hai.
Padm Puran 112/26
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10- Hame simit matra men nirasha ko svikar karana chahiye, Lekin asimit aasha ko nahin chhodana chahiye .
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11- Khade (standing) hokar pani nahi peena chahiye.
-Skandpuran 6/74

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12- Jiski dincharya ast-vyast hai, Wah apne jiwan me bhi bhula-bhatka rahta hai.
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13- Lakshmi ki iccha rakhne wale ko rat me DAHI or SATTU nahi khana chahiye. Yah NARAK ki prapti karane wala hai.
Mahabharat, anu 104/93
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14- Khuda ek daravaja band karane se pahale doosara khol deta hai, Use prayatn kar dekho
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15- Pujya or mangalik padartho ko apne se DAHINE(right)karke or Apujya or Amangalkari padartho ko apnr se BAYE(left)karke chalna chahiye.
-Charaksahint
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16- Lokhit ke liye thoda sa karya karne se bhi bheetar (internal) kee shaktiya (power) jagrat hoti hai.
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17- Aroonoday ke poorv sadaiv ghanaghor andhakar hota hai. — maithilisharan gupt
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18- Umbrella can't stop the rain but allows to us to stand in Rain. Confidence May not bring success but it gives the power to face any challenge.
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19- Koi bhi vyakti bahut see or badi-badi galtiya kiye bina kabhi mahan athwa bhala nahi bana.
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20- Tejswi santan chahne wale purush ko stri (wife) ke sath (Ek patra me) bhojan nahi karna chahiye. -Manusmrti 4/43
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21- 4 Important Words-
YAH BHI BEET JAYEGA. Ye 4 shabd (word) charo vedo ka kam kar sakte hai.
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22- If an egg is broken from outside force..LIFE Ends. If an egg is broken from inside force ..LIFE Begins.
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23- Apani agyanata ka ahasas hona gyan kee disha men ek bahut bada kadam hai.

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24- Insan ko sadinsan kewal vicharo ke madhyam se banaya ja sakta hai.

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Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.


1- Kam ke sath apne ko tab tak ragada jaye, Jab tak ki SANTOSH kee sugandh na bikhrane lage. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
2- Gareeb wah nahi jiske pas kam hai, Balki wah hai, Jo adhik chahta hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
3- Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
4- Bhojan sada (daily) purw athwa uttar disha kee or mukh karke karna chahiye. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
5- Vishaw (world) hat kar us vyakti ko rah deta hai, ji janta hai ki wah kaha ja raha hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
6- Dusro per bahut adhik nirbhar (depend) rahne se NIRASHA ke awsar (chance) badh jate hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
7- Jo kisi se AASHA nahi rakhta hai use kabhi NIRASH nahi hona padata hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
8- Aaccha (good) shasak (manager) wahi ban sakata hai jo khud kisi ke aadhin (under) rah chuka hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
9- Jo jhijhkata (uncertainty) hai wah harta hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
10- Anjan (unknown) hona utni lajja kee bat nahi, Jitna ki seekhne (learn) ke liye taiyar (prepared) na hona. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
11- Aap dhundhe (investigate) to pareshani (trouble) ka aadha karan (Reason) apne me hee mil jata hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
12- sabase adhik gyani vahi hai jo apani kamiyon ko samajhakar unaka sudhar kar sakata ho. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
13- Ya to sanyam ko apanao, Ya fir nasabandi karavao. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
14- Jo bachchon ko sikhate hain, Un par bade khud amal kare to yah sansar svarg ban jaye. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
15- Sab rogon kee ek davaee, hansana sikho mere bhaee . 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
16- Dahine svar bhojan karen, baye pive neer. Aisa sanyam jab kare, Sukhi rahen sharir. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
17- Bhojan karake kariye mootra, Gurda svasth rahe ye sootra. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
18- shreshth chintan kee sarthakata tabhi hain, jab usase shreshth charitr bane,shreshth charitr tabhi sarthak hain, jab vah shreshth vyavahar bane. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
19- Geele per (legs) wala hokar bhojan kare, Isse manushya lambi aayu (age) prapt karta hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
20- Svarth, Laparavahi aur Ahankar kee matra ka badh jana hi kisi vyakti ke patan ka karan hota hai. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
21- Is sansar me 8 mangal hai-Brahaman,Gou,Agni,Swarn,Ghrit,Surya,Jal(water)or Raja.Inka darshan,namaskar or pujan kare, inhe apne dahine karke chale. 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
22- Doosaron ke gun aur apane avagun dhoondho (Investigate) . 
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
23- Sone se pahale aur Jagane ke bad shant rahana chahiye.
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.
24- Dosh batalane vale ka guru-tuly aadar karana chahiye, Jisase bhavishy men use dosh batalane men utsah ho.
Apna sudhar sansar kee sabse badi sewa hai.

Sadguni ka sukhi hona nischit hai.

1- Galti karne ke bhay se ghire rahana hi jeewan ki sabse badi galti hai. 
Radhe = Raah de.
2- Imandari se chalaki bhi mat kha jati hai. 
Radhe = Raah de.
3- Safal nawik wahi hai jo ashant samudra me bhi manzil tak pahunche.
Radhe = Raah de.
4- Jo apni jarurat ke samay madad (help) mangne me nahi hichke, wastaw me wahi sabse majbut hai. 
Radhe = Raah de.
5- Karya (work) ke anurup prayatan karne wala dheer vyakti khub lakshmi prapt karta hai. 
Radhe = Raah de.
6- Gay (cow) ke gobar me lakshmi or mutra me ganga ka niwas mana jata hai. 
Radhe = Raah de.
7- Kismat ke bharose jeene walo ko milta jarur hai per wah milta hai jo SANGHARSH karne wale chhod jate hai. 
Radhe = Raah de.
8- Dhan unhi ke pas rukta (stay) hai, jo sadguni hai. 
Radhe = Raah de.
9- Dhan ka uparjan(earning)hi nahi,sadupyog bhi samjhe. 
Radhe = Raah de.
10- Dhan ki 3 gati hoti hai - 1- Dan 2- Bhog or 3- Nash. 
Radhe = Raah de.
11- Harday ki aghyan granthi ka nasht hona hi moksh (nirwan) kaha jata hai. 
Radhe = Raah de.
12- Ghar me swarg sa watawaran banana chahte ho to 2 factory lagao . Mastak per ICE FECTORY or jeebh per SUGAR FACTORY. 
Radhe = Raah de.
13- Atit (past) se seekho, Wartman (present) ka sadupayog karo, Bhavishya (future) ke prati ashawan raho. 
Radhe = Raah de.
14- Prarambh(starting)sunder ant(end)bhayankar yah hai -BHOG or Prarambh kashtdayak, ant aananddayak yah hai -TYAG. 
Radhe = Raah de.
15- Ek samajhdar aadmi tab bolta hai, jab dusre apne shabdo ka istemal kar chuke hote hai. 
Radhe = Raah de.
16- Kabhi mat sochiye - Log kya kahenge ?
Hamesha sochiye - Aap kya karenge. 
Radhe = Raah de.
17- Sadguni ka sukhi hona nischit hai. 
Radhe = Raah de.
18- Khud sukh lenge to nashwan sukh milega or dusron ko sukh denge to avinashi sukh milega. 
Radhe = Raah de.
19- Khush dil insan jab tak jinda rahata hai, maze se rahta hai. 
Radhe = Raah de.
20- Bure samay me 3 sacche sathi hote hai. 1- Dherya. (Patience) 2- Sahas. (Courage) 3- Prayatan. (Effort) 
Radhe = Raah de.
21- Sacche mitra ke samne dukh aadha or khushi doguni ho jati hai. 
Radhe = Raah de.
22- The single hand of your friend which hold your shoulder at your failure is much better than 2 hand of whole crowd which clap for your victory. 
Radhe = Raah de.
23- Dukh me vivek jagta hai, Sukh me ghyan sota hai. 
Radhe = Raah de.
24- SAD VICHAR satya ko lakshya karke choda huwa teer hai. Ise dil per lagne de. 
Radhe = Raah de.

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