गुरुवार, 5 मई 2011

अखण्ड ज्योति अगस्त 1954

1. सरस्वती यज्ञ

2. सांस्कृतिक पुनरूत्थान की ओर

3. पुनरूत्थान की व्यावहारिक योजना

4. सांस्कृतिक शिक्षण की आवश्यकता

5. भावना का विकास आवश्यक हैं

6. सफल तीर्थ यात्रा

7. मेरी आन्तरिक अनुभूति

8. एक सफल प्रयोग

9. अपने मन की बात

10. महत्वपूर्ण शिक्षा

11. शिक्षण शिविर की सफलता

12. नरमेध के लिए आत्मदान

13. अगला शिक्षण शिविर

14. मेरी भावना

अखण्ड ज्योति जुलाई 1954

1. गायत्री माता (कविता)

2. गायत्री-जीवन की आवश्यकता

3. गायत्री के अनुभव

4. हमारे सिद्ध पुरूष पूर्वज

5. बाबा मगनानन्द जी

6. गायत्री शक्ति और मेरे अनुभव

7. दो बार धारा सभा की मेम्बरी

8. गायत्री उपासना के अनुभव

9. माता की शान्ति दायक गोद

10. मन्त्र लेखन की साधना

11. तन्दरूस्ती प्रतिष्ठा और आजीविका

12. मृत्यु के मुख में से वापिसी

13. प्रेत बाधा की निवृत्ति

14. संकट में सहायता

15. ऋण भार से छुटकारा

16. बाघ को परास्त करने वाला अस्त्र

17. आपत्ति ग्रस्तों की सहायता

18. स्वभाव में परिवर्तन

19. प्रारब्ध भोगों का भुगतान

20. नवजीवन दान

21. महाशक्ति की समीपता

22. अनेक कठिनाइयों का निवारण

23. जान माल की क्षति से बचें

24. उन्नति की ओर प्रगति

25. अनेक आपदाएं टली

26. उपासना के अनन्त लाभ

27. प्राणघातक संकटों से मुक्ति

28. बच्चों की सुख शान्ति

29. माँ की कृपा के अनुभव

30. परीक्षा में सफलता

31. गायत्री एक अमोघ अस्त्र

32. पहेली का प्रथम पुरस्कार जीता

33. नरमेध का स्पष्टीकरण

34. गायत्री महिमा (कविता)

अखण्ड ज्योति जून 1954

1. माता का प्यार

2. नरमेध की आवश्यकता

3. प्रार्थना आवश्यक हैं

4. बापू और भगवन्नाम

5. अपनी अन्तरात्मा को जागृत कीजिए

6. तेरा कौन हैं ?

7. मन का भार हलका कीजिए

8. आत्म शान्ति का मूल केन्द्र

9. मन्त्र शक्ति का रहस्य

10. तुलसी सब रोगों की दवा

11. यज्ञ द्वारा अनेक प्रयोजनों की सिद्धि

12. मालिश के अद्भुत लाभ

13. युग परिवर्तनकारी शिक्षा का स्थायी आयोजन

14. ऐक्य-विजय

अखण्ड ज्योति मई 1954

1. अपने बालकों को मथुरा भेजिए

2. साधन पथ

3. अध्यात्म पतन से सावधान

4. अपने को शक्तिशाली बनाइए

5. ठण्डे दिमाग से विचार किया करें

6. प्रेम सम्बन्धों को काटने की कैंची

7. काम विकार का परिमार्जन कीजिए

8. गौ हत्या बन्द क्यों नहीं होती

9. सर्प विष और उसके प्रतिकार

10. घर का आंगन

11. उतावली का दुष्परिणाम

12. शाक भाजी और फलाहार

13. शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन होना चाहिए

14. जीवन जीने की विद्या

15. गायत्री महायज्ञ की समाप्ति


अखण्ड ज्योति अप्रेल 1954

1. पथ पर (कविता)

2. प्रतिकूलता में प्रेरणा

3. गीता ही हमारी पथ प्रदर्शक हैं

4. केवल थोड़ा सा

5. संग्रह नहीं काम करो

6. महापुरूष बनने के कुछ साधन

7. अति संग्रह और व्यर्थ संग्रह

8. मैत्री भावना से स्वास्थ्य सुधार

9. गुण स्वभाव और आदतें

10. यज्ञ द्वारा अनेक प्रयोजनो की सिद्धि

11. गायत्री महायज्ञ

12. इसको कहकर भाग्य न तुम मुझको भरमाओ


13. आत्मा का आदेश पालन करें

अखण्ड ज्योति मार्च 1954

1. अब चरण किसकी प्रतीक्षा ?

2. सिद्धि की मूल-साधना हैं

3. श्रेष्ठतम कार्य करें

4. बकवाद मत कीजिए

5. स्वावलम्बी बनना आवश्यक हैं

6. उत्तम सन्तान कैसे प्राप्त हो ?

7. ज्ञान शक्ति बढ़ाने के उपाय

8. जीवन का यह सूनापन

9. नए ढँग से जीवन व्यतीत कीजिए

10. कुम्भ पर्व की दुर्घटना

11. होली की पौराणिक पृष्ठभूमि

12. विवेक वचनावली

13. साधना

अखण्ड ज्योति फरवरी 1954

1. वेदों के स्वर्ण सूत्र

2. जीवन यज्ञ (कविता)

3. मानव जीवन का आदर्श संयम

4. आत्म-चिन्तन की आवश्यकता

5. संगीत और आध्यात्मिकता का संबंध

6. उत्थान एवं पतन का गतिचक्र

7. सिद्धियों का मूल एकाग्रता

8. जीवन यज्ञ

9. मन की चंचलता दूर करने के रहस्य

10. दैवी सम्पदा में सुख प्राप्ति

11. शक्तियों का दुरूपयोग मत कीजिए

12. थकावट कैसे दूर हो ?

13. हवन सम्बन्धी कुछ आवश्यक बातें

14. यह अलभ्य अवसर चूका नही जाना चाहिए

15. जीवन परिचय

अखण्ड ज्योति जनवरी 1954

1. यज्ञ आवश्यक हैं

2. यज्ञ की बेला !

3. यज्ञ द्वारा अमृतमयी वर्षा

4. आध्यात्मिक यज्ञ

5. यज्ञ द्वारा तीन ऋणो से मुक्ति

6. यज्ञ और पशुबलि

7. अग्नि की शिक्षा तथा प्रेरणा

8. ‘दक्षिण वाद’ का निंदनीय रूप

9. यज्ञ में सहयोग करना कर्तव्य है

10. यज्ञ में रही हुई त्रुटियां

11. इस मास का सर्व श्रेष्ठ यज्ञ

12. इस युग का यज्ञ

अखण्ड ज्योति दिसम्बर 1953

1. जिज्ञासा (कविता)

2. योग विद्या की महत्ता

3. नागरिकता की जिम्मेदारी

4. दूसरों के प्रति मैत्री भाव रखिए

5. मनुष्य का विचार बल

6. धर्म प्रचारकों का पथ

7. कुछ भूलना भी सीखिए

8. ये भयंकर भूले कदापि न करे

9. क्या साधुओं की हिन्दू जाति को आवश्यकता नहीं

10. हमारा कल्याण किसमें हैं

11. उन्नति की कसौटी

12. रोग क्या हैं ? और क्यों होते हैं ?

13. गायत्री महा अभिज्ञान आयोजन

14. ब्रजधाम

अखण्ड ज्योति नवम्बर 1953

1. वेदों के स्वर्ण सूत्र

2. अखण्ड ज्योति (कविता)

3. हमारा जीवनोद्देश्य-अक्षय सुख

4. विचारों की प्रचण्ड शक्ति

5. ब्रह्मचर्य का वास्तविक रूप

6. अध्यात्मवाद की पृष्ठ भूमि

7. प्रभु प्रार्थना के कुछ सुन्दर रूप

8. चलते रहो ! चलते रहो !!

9. सदा शुभ कर्म करते रहिए

10. हमारे कुछ आवश्यक कर्तव्य

11. जीवन निष्कर्ष

12. प्राणायाम विज्ञान

13. आपकी संचित शक्तियां

14. अपना परिवार मत बढ़ाइये

15. यज्ञ द्वारा अमृतमयी वर्षा

16. गौ-रक्षा हमारी आत्म-रक्षा हैं

17. मस्त फकीरी (कविता)

अखण्ड ज्योति अक्टूबर 1953

1. प्राण का दीपक

2. ईमानदारी की कमाई

3. इतिहास से भी कुछ सीखिए

4. प्राणायाम का चमत्कार

5. अपनी आवश्यकताए कम कीजिए

6. राष्ट्र निर्माण और शिक्षा

7. आप भी लोकप्रिय बन सकते हैं

8. मन में सद्भावनाएँ रखें

9. यज्ञ द्वारा आरोग्य लाभ

10. ईश्वरीय न्याय अटल हैं

11. पश्चिमी सभ्यता मरने जा रही हैं

12. भगवान महावीर के अमृत वचन

13. नवरात्रि में गायत्री उपासना कीजिए

14. विवेक वचनावली

15. माँ का अनुराग

अखण्ड ज्योति सितम्बर 1953

1. वेदों के स्वर्ण सूत्र

2. जागरण गीत

3. अखण्ड आनन्द के पथ पर

4. धर्मों की मूलभूत एकता

5. जीवन की कला

6. हमारी शक्ति का केन्द्र

7. मानव जीवन का तत्व ज्ञान

8. धर्म और अर्थ भाई भाई हैं

9. असली दुश्मन को पछाडि़ये

10. आप तम्बाकू पीना क्यों नहीं छोड़ते ?

11. भगवान महावीर के अमृत वचन

12. व्यापक गायत्री महायज्ञ आयोजन

13. वेदों के स्वर्ण सूत्र

14. माँ

अखण्ड ज्योति अगस्त 1953

1. गायत्री विद्या सम्बन्धी अपूर्व साहित्य

2. परिभाषा

3. सेवा और श्रम की महानता

4. क्या मूर्ति पूजा अनावश्यक हैं ?

5. आप किसी से डरिए मत

6. ईश्वर प्रार्थना और आत्मोन्नति

7. योग साधन का मार्ग

8. भारतीय नारी महान है

9. प्रकृति के समीप रहिए

10. इतना शिष्टाचार तो सीख ही लीजिए

11. व्यर्थ का विवाद मत किया कीजिए

12. गौमाता की रक्षा की जानी चाहिए

13. सच्चा आनन्द प्राप्त कीजिए

14. गायत्री तीर्थ का उद्देश्य

15. राही से

अखण्ड ज्योति जुलाई 1953

1. धर्म का अभ्युत्थान करो

2. गायत्री महिमा के 24 सूत्र

3. सच्ची शिक्षा का महान आयोजन

4. सच्चे धन की याचना

5. साधकों को चेतावनी

6. माता को आत्म समर्पण

7. आर्य समाज और गायत्री

8. गायत्री उपासक सोम शर्मा

9. गायत्री साधना निष्फल नहीं होती

10. गायत्री साधना के चमत्कार

11. उपासना के कुछ प्रत्यक्ष परिणाम

12. कठिन प्रारब्ध से सहज छुटकारा

13. भयंकर काले सर्प का विष निवारण

14. बालक की जीवन रक्षा

15. सुविधाजनक स्थान और अवसर

16. पारिवारिक वातावरण में सुधार

17. अनेक समस्याओं का समाधान

18. गायत्री द्वारा रोग निवारण

19. गायत्री द्वारा प्रेतबाधा का निवारण

20. पिता जी की प्राण रक्षा

21. निराशा में आशा का प्रकाश

22. गायत्री साधना में वाक्य सिद्धि

23. महात्मा गायत्री स्वरूप जी

24. गायत्री की महिमा

25. अभीष्ट स्थान पर नियुक्ति

26. गायत्री तीर्थ की स्थापना समारोह

27. गायत्री की अलौकिक शक्ति

28. गायत्री मन्दिर की पुण्य प्रगति

29. गायत्री यज्ञ

अखण्ड ज्योति जून 1953

1. विचार कण

2. प्रभु की खोज-पास हैं

3. ईश्वरीय न्याय और नियम

4. अन्तःशुद्धि की आवश्यकता

5. मर्यादा का अतिक्रमण

6. व्यवसाय में आदर्श की आवश्यकता

7. शिक्षा पद्धति में सुधार होना आवश्यक हैं

8. कुछ श्रेयस्कर सिद्धान्त

9. योगविद्या का रहस्य

10. प्रार्थना हमारा आवश्यक कर्तव्य

11. किसी का बुरा न सोचिए

12. इतना तो करिए ही

13. भाग्य और पुरूषार्थ

14. कम बोलिए

15. मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता

16. तपोभूमि निर्माण तथा पूर्णाहुति

17. गायत्री मंदिर की पुण्य प्रगति

अखण्ड ज्योति मई 1953

1. वेदों का शंख नाद

2. उपेक्षा (कविता)

3. सर्वतोमुखी उन्नति

4. वेदान्त और व्यवहारिक जीवन

5. द्वेष, भय और वासनाओं से मुक्ति

6. मेरा कुछ नहीं

7. चतुर्भुज धर्म पुरूष

8. पतिव्रत योग

9. स्वार्थी होना भी कोई बुरी बात नहीं है

10. साधुता का लक्षण-सत्य प्रियता

11. अधिक नमक मत खाइए

12. मनोभावों का प्रभाव

13. गायत्री संहिता

14. श्री रामकृष्ण परमहंस के उपदेश

15. मानव से भगवान (कविता)

अखण्ड ज्योति अप्रेल 1953

1. स्वर्ण सुक्तियां

2. प्रेम वन्दना (कविता)

3. परमार्थ और स्वार्थ का समन्वय

4. योगी अरविन्द की अमृतवाणी

5. ईश्वर और उसकी प्रार्थना

6. मित्र का महत्व

7. मंगलमय महावीर

8. गंगाजल का वैज्ञानिक महत्व

9. मन्त्र बल से रोग निवारण

10. जीवन के सच्चे कलाकार बनिए

11. मिट्टी की प्राकृतिक चिकित्सा

12. अपने ऊपर विश्वास कीजिए

13. पूर्णाहूति यज्ञ में सम्मिलित हूजिए

14. धावक का मनुहार

अखण्ड ज्योति मार्च 1953

1. गायत्री विद्या सम्बन्धी अपूर्व साहित्य।

2. अपने को पहचान !

3. पवित्र जीवन की ओर।

4. कर्म करने का कौशल।

5. ब्रह्मचर्य आवश्यक है।

6. प्राणायाम की आवश्यकता।

7. सदा उज्ज्वल भविष्य की आशा कीजिए।

8. धन के प्रति गलत दृष्टिकोण।

9. स्वास्थ्य की रक्षा कीजिए।

10. स्नान की कुछ वैज्ञानिक पद्धतियां।

11. व्यवहारिक आध्यात्मवाद।

12. दाम्पत्य जीवन में मधुर भाषण का स्थान।

13. कहीं आप भी तो ‘पठित मूर्ख’ नहीं है ?

14. चैत्र मास की नवरात्रि आ रही है।

15. अपनी आराध्य देवी से।

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