शनिवार, 25 अक्टूबर 2008

एक निवेदन


श्रद्धेय सेठजी श्री जयदयाल जी गोयन्दका
सर्वसाधारण से नम्रतापूर्वक निवेदन किया जाता है कि यदि उचित समझा जाय, तो प्रत्येक मनुष्य प्रतिदिन परमात्मा के और अपने से बडे जितने लोग घर में हो, उन सबके चरणों में प्रणाम करे, हो सके तो बिछौने से उठते ही कर लें, नहीं तो स्नान-पूजादि के बाद करे। गुरु, माता, पिता, ताऊ, चाचा, बडे भाई, ताई, काकी, भौजाई आदि वय, पद और सम्बन्ध के भेद से सभी गुरुजन है।

स्त्री अपने पति के तथा घर में अपने से सब बडी स्त्रियों के चरणों में प्रणाम करे। बडे पुरुषों को दूर से प्रणाम करे, घर में कोई बडा न हो तो स्त्री-पुरुष सभी परमात्मा को ही प्रणाम करे।

इससे धर्म की वृद्धि होगी, आत्मकल्याण में बडी सहायता मिलेगी, परमेश्वर प्रसन्न होगे। इस सूचना के मिलते ही जो लोग इसके अनुसार कार्य आरम्भ कर देंगे, उनकी बडी कृपा होगी।



दीप पर्व 2008
हार्दिक मंगलकामनाए...
जनमानस परिष्कार मंच

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