बुधवार, 10 अक्टूबर 2012

सेवाधर्म की बाधाएँ और भटकाव

बहुत से लोगों के मन में उमंगें उठती हैं पर वे यह सोचकर चुप रह जाते हैं कि अभी हम उसके योग्य नहीं। जब हम पूर्णतः योग्य और सक्षम हो जायेंगे तब सेवा करेंगे। स्मरण रखा जाना चाहिए कि आज तक संसार में पूर्णतः योग्य न हुआ है और न होगा, क्योंकि जो पूर्ण होता है वह भवबंधनों से ही मुक्त हो जाता है। उस पूर्ण पुरुष को संसार में आने की आवश्यकता ही कहाँ रह जाती है।

संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं उनके व्यक्तित्व में कहीं न कहीं, कोई न कोई त्रुटी अवश्य रही है। उन त्रुटियों के सुधार का प्रयत्न करते हुए भी वे सेवा के पथ पर निरंतर अग्रसर होते रहे हैं।

जिस प्रकार प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने वाला अध्यापक अनिवार्य रूप से उच्च शिक्षित कहाँ होता है। छोटे पहलवान अपने से छोटे पहलवान को पहलवानी का अभ्यास कराते हैं। कहने का अर्थ यह है कि कम बुराई वाला व्यक्ति अधिक बुराईयों वाले व्यक्ति को शिक्षा दे सकता है।

जीवन देवता की साधना - आराधना (2) - 10.11"

कार्यस्थल की सुसज्जा

अपने काम में आने वाली वस्तुओं को साफ-सुथरा रखना, उन्हें सुंदर बनाना और सजाकर रखना यह भी एक छोटा मनोरंजक कार्य है, जिससे चित्त में प्रसन्नता की लहरें उत्पन्न होती हैं। गंदी, टूटी हुई और बेतरतीब पड़े हुए कागजों वाली मेज पर काम करने की अपेक्षा एक साफ-सुथरी, सुंदर और सुसज्जित मेज पर मन अधिक लगेगा, चित्त प्रसन्न रहेगा और काम अधिक एवं उत्तमता के साथ हो सकेगा । 

बुद्धि बढ़ाने की वैज्ञानिक विधि - पृ. १५ "

स्मरण शक्ति बढ़ाने का व्यायाम

एक स्थान पर कई प्रकार की चीजें एकत्रित करो, जैसे दो-तीन प्रकार की कलमें, तीन-चार तरह के फूल, कई तरह के बटन, चाकू, पिन, मिठाई की गोलियाँ आदि। आरंभ में इनकी संख्या दस-बारह होनी चाहिए। एक बार ध्यानपूर्वक इन सबको देख लो, फिर आँखें बंद करके बताओ कि कौन वस्तु कहाँ रखी हुई है ? यदि ठीक न बता सको, तो चीजों की संख्या कम कर दो और फिर उनका क्रम बताओ। जो संख्या आसानी से बताई जा सके, वहीं से धीरे-धीरे आगे के लिए अभ्यास बढ़ाना चाहिए। जैसे आज पाँच चीजों का क्रम बना सकते थे, तो धीरे-धीरे इन संख्याओं को 6, 7, 8, 9, 10, 20, 30 करते जाइए। इस प्रकार एक बार देखकर एक स्थान पर खड़े हुए मनुष्यों या वृक्षों की संख्या एवं क्रम याद रखने का अभ्यास करना चाहिए। यह स्मरण शक्ति बढ़ाने का अच्छा अभ्यास है। होशियार चोर जिस घर में घुसते हैं, एक बार दियासलाई जलाकर सारे घर को देख लेते हैं, और वहाँ का चित्र उनके मन में अच्छी तरह अंकित हो जाता है। बस फिर वे अपने पूर्व स्मरण के सहारे अँधेरे घर में सब काम ठीक-ठीक वैसे ही करते रहते है, मानों उस घर में उजाला हो। 

बुद्धि बढ़ाने की वैज्ञानिक विधि - पृ.35"

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