सोमवार, 20 दिसंबर 2010

अमृता शेरगिल

मात्र 29 वर्ष की उम्र में काल-कवलित हो गई एक साधिका के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। नाम तो उनका सुना गया होगा, पर उनका जीवनक्रम कैसा रहा, यह शायद बहुत लोग नहीं जानते। अमृता शेरगिल कला की साधिका थी एवं उनकी कलाकृतिया विश्वस्तरीय मानी जाती हैं। चूकि उनके माता-पिता उन दिनों हंगरी (बुडापेस्ट) में थे, अतः उनका जन्म भी वहीं हुआ। माता-पिता चाहते थे कि वह डाक्टर बने, पर वे जन्म से ही कला में रूचि रखती थी, पोर्टेट्स बनाती थीं। धीरे-धीरे उनके लिए एक कला शिक्षक की नियुक्ति हो गई। पेरिस के प्रख्यात कलाकारों का भी उनको मार्गदर्शन मिला। विशिष्ट कला प्रदर्शनियों में उनके चित्र प्रदर्शित किए गए। उनकी चित्रकला में पाश्चात्य एवं पूर्वीय दोनों ही चित्रकलाओं का समन्वय था। 
भारत आकर वे यहा के रंग में रंग गई और भारतीय जनजीवन को कैनवास पर उतारने लगी। उनके पढ़ाए अनगिनत कलाकार आगे बढ़े, पर वे अधिक नहीं जी सकीं। 
अत्यल्प आयु में लाहौर में उन्होंनें शरीर छोड़ दिया।

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