सोमवार, 20 दिसंबर 2010

संगठन की शक्ति

बीज को पौधा बनाने में और पौधे को पेड़ में बदलने के पीछे अनेक शक्तियों का दृश्य-अदृश्य हाथ होता हैं। सूरज की किरणे हो या उपजाऊ मिट्टी, प्रचुर मात्रा में खाद हो अथवा सींचा गया पानी, सभी अपनी सामथ्र्य के अनुसार शक्ति लगाकर एक नन्हे से बीज को विशालकाय वृक्ष में रूपांतरित कर देते हैं। जब सृष्टि का एक छोटा-सा कार्य किसी एक व्यक्ति या शक्ति पर निर्भर नहीं करता, तब यह जान लेना चाहिए कि युग-परिवर्तन जैसा अभूतपूर्व कार्य भी संगठन की शक्ति के बिना असंभव सिद्ध होगा। इस संकल्प की पूर्ति के लिए आज उन सभी प्रतिभाओ का आवाहन हैं, जो पूज्य गुरूदेव द्वारा रोपे गए विचार-क्रांति के बीज को युग निर्माण के वृक्ष में बदलने में आनी शक्ति व ऊर्जा निछावर कर दे।

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