सोमवार, 7 मार्च 2011

बहिनों हो जाओ तैयार


आदिशक्ति तुम वीर प्रसुता, प्रेम मूर्ति साकार । 
दुष्प्रवृत्तियों के रावण का, करना है संहार॥ 
बहिनो हो जाओ तैयार । 

उठो समय आमन्त्रण देता, युग करता आह्वान । 
नवल सृजन का समय आ गया, लाओ नया बिहान॥ 
शान्ति-मार्ग को रोके बैठा, अंधकार अज्ञान । 
बनकर ज्ञान सूर्य की किरणें, छेड़ो नव अभियान॥ 
छुआ-छुत का भूत भगाकर, करो देश उद्घार । 
बहिनो हो जाओ तैयार॥ 

भय कुरीतियों के जंगल में पनप न पाते फूल । 
ज्ञान बिना जीवन के सपने, आज चाटते धूल॥ 
ऊँच-नीच की रची हुई है, छाती पर चट्टान । 
मानवता की फसलें चरता, अहंकार अभिमान॥ 
भेदभाव की जड़ काटो तुम, लेकर शक्ति कुठार । 
बहिनो हो जाओ तैयार॥ 

परदा बन कलंक का टीका , देता है संताप । 
आज अंधविश्वास बना है, पाप-ताप अभिशाप॥ 
चलो कदम से कदम मिलाकर ,लेकर ज्ञान मशाल । 
आज विश्व में ऊँचा कर दो, भारत माँ का भाल॥ 
अबला नहीं बनो तुम सबला, शक्तिपुज अंगार । 
बहिनो हो जाओ तैयार॥ 
-अज्ञात 

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