एक हाथ, एंक पांव से अपंग लड़का रेल के डिब्बे में घुसा, एक सज्जन ने दयाभाव दिखाते हुए एक रूपया देना चाहा, तो उस बच्चे ने कहा-``श्रीमानजी ! भगवान् के दिये 12 अंगो में से 2 खराब हैं।´´ मुंगफली बेचकर उद्योग करने वाला यही लड़का ब्रेसब्रेन का महान् उद्योगपति हुआ।
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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