शनिवार, 19 दिसंबर 2009

निन्दा की चिन्ता

एक बार एक व्यक्ति ने स्वामी दयानंद से पूछा-``बहुत से व्यक्ति आपकी निन्दा करते हैं, इन्हें कैसे रोका जाये ?´´

स्वामी जी ने कहा-``निन्दा से तो ईश्वर भी नहीं बच सका, फिर हमारी तो बात ही क्या हैं ? यदि मनुष्य अपनी आत्मा के सामने सच्चा हैं तो उसे सारी दुनिया की परवाह नहीं करनी चाहिए ।´´

कोई टिप्पणी नहीं:

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin