एक बार एक व्यक्ति ने स्वामी दयानंद से पूछा-``बहुत से व्यक्ति आपकी निन्दा करते हैं, इन्हें कैसे रोका जाये ?´´
स्वामी जी ने कहा-``निन्दा से तो ईश्वर भी नहीं बच सका, फिर हमारी तो बात ही क्या हैं ? यदि मनुष्य अपनी आत्मा के सामने सच्चा हैं तो उसे सारी दुनिया की परवाह नहीं करनी चाहिए ।´´
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