स्वामी विवेकानन्द उन दिनों इंग्लैंड में थे। एक दिन वो अपने कुछ मित्रो के साथ देहात का भ्रमण करने कि लिए गये, तब अचानक एक बलिष्ठ सांड उधर से ही दौडता आ रहा था। उसे आता देखकर उनके साथ के लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे।
इस भगदड़ में एक छोटी सी लड़की टक्कर खाकर नीचे गिर गई।वह सांड उस बालिका की ओर ही आ रहा था । स्वामी जी यह देखकर सावधान हो गये और दौड़कर सांड के सामने डट गए। सांड एकदम रूक गया और दूसरी ओर चल दिया। बच्ची के बचाव के लिए अपने को खतरे में डालने वाले स्वामी जी का यह साहस देखकर उनके सब साथी चकित रह गये।
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