शनिवार, 13 सितंबर 2008

जयघोष

गायत्री माता की - जय।

यज्ञ भगवान् की - जय।

वेद भगवान् की - जय।

भारतीय संस्कृति की - जय।

भारत माता की - जय।

एक बनेंगे - नेक बनेंगे।

हम सुधरेंगे - युग सुधरेगा।

हम बदलेंगे - युग बदलेगा।

विचार क्रान्ति अभियान - सफल हो, सफल हो, सफल हो।

ज्ञान यज्ञ की लाल मशाल- सदा जलेगी-सदा जलेगी।

ज्ञान यज्ञ की ज्योति जलाने- हम घर-घर में जायेंगे।

नया सवेरा नया उजाला- इस धरती पर लायेंगे।

नया समाज बनायेंगे- नया जमाना लायेंगे।

जन्म जहॉं पर- हमने पाया।

अन्न जहॉं का- हमने खाया।

वस्त्र जहॉं के- हमने पहने।

ज्ञान जहॉं से- हमने पाया।

वह हैं प्यारा- देश हमारा।

देश की रक्षा कौन करेगा- हम करेंगे, हम करेंगे।

युग निर्माण कैसे होगा- व्यक्ति के निर्माण से।

मॉं का मस्तक ऊंचा होगा- त्याग और बलिदान से।

नित्य सूर्य का ध्यान करेंगे- अपनी प्रतिभा प्रखर करेंगे।

मानव मात्र- एक समान।

जाति वंश सब- एक समान।

नर और नारी- एक समान।

नारी का सम्मान जहॉं हैं- संस्कृति का उत्थान वहॉं है।

जागेगी भाई जागेगी- नारी शक्ति जागेगी।

हमारी युग निर्माण योजना- सफल हो, सफल हो, सफल हो।

हमारा युग निर्माण सत्संकल्प- पूर्ण हो, पूर्ण हो, पूर्ण हो।

इक्कीसवीं सदी- उज्ज्वल भविष्य।

वन्दे वेद मातरम्।।

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