रविवार, 11 अक्टूबर 2009

जीवन पुष्प खिलाएँ


हमारा जीवन रूपी पुष्प हमेशा खिला हुआ रहे, कहीं मुरझा न जाये, इसके लिए निराशा एवं निरुत्साह को पास नहीं फटकने देना चाहिए । सौन्दर्य एवं उल्लास को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए हमें आशा का दीपक अपने उर में जलाकर रखना चाहिए और उसमें श्रेष्ठ, उच्च एवं दिव्य विचारों का घृत डालते रहना चाहिए । (अखण्ड ज्योति सितम्बर-१९७५) 

कोई टिप्पणी नहीं:

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin