सोमवार, 3 जनवरी 2011

सज्जन

बादशाह को एक कर्मचारी नौकर की आवश्यकता थी। तीन उम्मीदवार पेश किए गए। बादशाह ने पूछा-‘‘यदि मेरी और तुम्हारी दाढ़ी में साथ-साथ आग लगे तो पहले किसकी बुझाओगे ?’’

एक ने कहा-‘‘पहले आपकी बुझाउँगा।’’ दूसरे ने कहा-‘‘पहले अपनी बुझाउँगा।’’ तीसरे ने कहा-‘‘एक हाथ से अपनी और दूसरे हाथ से आपकी बुझाउँगा।’’

बादशाह ने तीसरे आदमी की नियुक्ति कर दी और दरबारियों से कहा-‘‘जो अपनी उपेक्षा करके दूसरों का भला करता हैं, वह अव्यवहारिक हैं। जो स्वार्थ को ही सर्वोपरि समझता हैं, वह नीच हैं। और जो अपनी और दूसरों की भलाई का समान रूप से ध्यान रखता हैं, उसे ही सज्जन कहना चाहिए। मुझे सज्जन की आवश्यकता थी।’’ सो उस तीसरे आदमी की नियुक्ति की गई।

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