संकल्प विकल्प की आँधियो में न समाए और अपने अभीष्ट को प्राप्त करे इसलिए आवश्यक हैं कि हमारे जीवन के अनुरूप छोटे-छोटे संकल्प लिए जाए। छोटे-छोटे संकल्पों को पूरा करने का अभ्यास डाला जाए एवं इसमें आने वाले अवरोंधों एवं समस्याओं का गहराई से निरीक्षण करते हुए समुचित ढंग से निराकरण किया जाए। किसी दिन सामान्य-सा दिखने वाला इनसान भी चामत्कारिक कार्य कर सकता है। वह कुछ ऐसा करके दिखा सकता है।, जिसे कभी असंभव माना जाता था। संकल्प के साम्राज्य में असंभव कुछ नहीं होता हैं। अतः हमें ऐसा संकल्प लेना चाहिए, जो हमारे जीवन की दिशा को सत्प्रवृत्तियों की ओर मोड़े, हमारे मन, विचार, भाव परिष्कृत हों तथा भौतिक जीवन सुखी व समृद्ध रहे।
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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