शनिवार, 22 अक्टूबर 2011

जागरुकता की स्थिति...

जागरुकता की स्थिति में हम अपनी शक्तियों को पहचानते हैं, संभावनाओं से अवगत होते हैं। मनःस्थिति की सही पहचान एवं परिस्थितियों का सार्थक सदुपयोग इसी स्थिति में होता है। साथ ही हम यह भी जान पाते हैं कि मनःस्थिति एवं परिस्थिति के वे अवरोध कौन से है, जिनकी वजह से हम आज तक अपनी संभावनाओं को साकार नहीं कर पाए, स्वयं की शक्तियों को सही अभिव्यक्ति नहीं दे सके, अपनी जिंदगी में सार्थकता की अनुभूति नहीं सँजो सके। इन अवरोधों का निराकरण भी जागरुक होने पर ही बन पडता है।

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