मरिया मांटेस्सरी(MONTESSORY) रोम में जन्मी थीं। वे इटली की प्रथम महिला चिकित्सक बनीं। किशोरावस्था के अपराधियों, पागलखानो को देखकर जड़ों मे जाने की उनकी इच्छा जागी । उन्होंने स्कूलों की शिक्षा पद्धति का विश्लेशण किया, पाया कि वहीं पर गड़बड़ है। उन्होने देखा कि बच्चे चुपचाप सुनते रहते हैं। उन्हे अपने विचार अभिव्यक्त करने पर डाँटा जाता है। एक परिष्कृत शिक्षा-प्रणाली को विकसित करने की बात उनके जेहन में आई । पहला प्रयोग एक गंदी बस्ती लोरेंजो से किया । यहीं जन्मी मांटेस्सरी शिक्षा प्रणाली, जो आज सारे विश्व में बाल शिक्षण का आधार है। 1913 में उन्होंने इस पद्धति पर पहली पुस्तक प्रकाशित की । इस पुस्तक को प्राय: सभी देशो ने अपना लिया गया । आज सभी श्रद्धा से उस महिला को याद करते हैं, जिसने एक युगप्रवर्तक शिक्षण पद्धति दी।
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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