बुधवार, 23 दिसंबर 2009

प्यास वहीं बुझाना

गुरू गोविंद सिंह ने अपने 16 वर्षीय बड़े पुत्र अजीत सिंह को आज्ञा दी कि तलवार लो और युद्ध में जाओ। पिता की आज्ञा पाकर अजीत सिंह युद्ध में कूद पड़ा और वहीं काम आया। इसके बाद गुरू ने अपने द्वितीय पुत्र जोझार सिंह को वही आज्ञा दी। पुत्र ने इतना ही कहा-``पिता जी प्यास लगी हैं, पानी पी लूं।´´ इस पर पिता ने कहा, ``तुम्हारे भाई के पास खून की नदियॉं बह रही हैं। वहीं प्यास बुझा लेना।´´ जोझार सिंह उसी समय युद्ध क्षेत्र को चल दिया और वह अपने भाई का बदला लेते हुए मारा गया। 

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