बुधवार, 23 दिसंबर 2009

छाता हैं किस काम के लिए ?

कांग्रेस का अधिवेशन हो रहा था और वर्षा की झड़ी लगी थी। एक-एक करके नेता लोग निकले चले जा रहे थे, एक कोने में खड़े श्री व्यंकटेशनारायण तिवारी वर्षा रूकने की प्रतीक्षा में थे, अनेक नेता छाता लगाए हुए, उनके सामने से गुजरे और सभी ने केवल एक बात पूछी-``क्यों व्यंकटेश छाता नहीं लाए ?´´ अंत में आए महामना मालवीय, सिमटे खड़े तिवारी को देखते हुए बोले-``अरे, व्यकटेश, तुम यहॉं खड़े हो, आओ, छाते में हो लो।´´ महामना ने उन्हें खींचकर अपने छाते में ले ही लिया और बोले-``आखिर यह छाता हैं, किस काम के लिए ?´´

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