बुधवार, 8 जून 2011

अखण्ड ज्योति फरवरी 1975

1. पगडंडिया न खोजें, राजमार्ग पर चलें

2. सत्य ही हमें स्वर्ग तक पहुँचाता है

3. जड़ और चेतन में एक ही सत्ता ओत-प्रोत हैं

4. हमारी बुद्धि सर्वज्ञाता नहीं हैं

5. धर्म और ईश्वर भी प्रगति पर

6. दुःख और सुख मिल बाँट कर हल्के करें

7. जिजीविषा की अजेय सामर्थ्य

8. संघर्ष रचनात्मक पथ समर्थन के लिए किया जाय

9. जिन्दगी और मौत सगी सहोदर बहने

10. हम निष्ठावान बने, स्वर्ग का सृजन करें

11. मानवी अस्तित्व और सभ्यता को चुनौति देने वाला अभूतपूर्व विश्व संकट

12. भारत ज्ञान क्षेत्र में विश्व नेतृत्व करेगा

13. अपने पर भरोसा करें, आप समर्थ हैं

14. जीवन-यात्रा के अवरोधों से सर्तक रहें

15. असफलता हमें हताश न कर पाये

16. विदेशों में योग प्रचार प्रचार-बचकाना खिलवाड़ न बनाया जाय

17. हिंसा और अहिंसा की विवेचना

18. अनासक्ति योग में ज्ञान-भक्ति-कर्म का समन्वय

19. दृष्टिकोण बदलें, सब कुछ बदलेगा

20. सफल जीवन की सरल रीति-नीति

21. रोग मुक्ति दवाओं से नहीं-प्रकृति की शरण में जाने से

22. शरीर तब स्वस्थ रहेगा जब मन स्वस्थ हो

23. अपनो से अपनी बात

24. रक्षक-भक्षक

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