"जीवन की मंजिले पाने के लिए मजबूत रस्सी चाहिए और इसके लिए जरुरत होती है सही धागों की चुनाव की.
जब अन्य खेल रहे होते है तब सफल लोग योजनाओ को बनाने में व्यस्त रहते है .
जब अन्य सो रहे होते है तब वो पढ़ रहे होते है.
जब अन्य सपने देख रहे होते है तब वे तैयारिया कर रहे होते है .
जब अन्य स्थगित कर रहे होते है तब वे निश्चित कर रहे होते है .
जब अन्य टालमटोल कर रहे होते है तो वे शुरुआत करते है.
जब अन्य बात कर रहे होते है तो वे धयान से सुन रहे होते है .
जब अन्य गुस्सा कर रहे होते है वे मुस्करा रहे होते है .
जब अन्य छोड़ रहे होते है वो फिर भी डटें रहते है ....
यानी किसी भी हालत को सफलता की ओर मोड़ देना सफल लोगो के जीवन में कोई न कोई टर्निंग पॉइंट जरुर रहा है .
यह तब हुआ जब उन्होंने इस बात का एकतरफा, अडिग ,और सुस्पष्ट निर्णय लिया कि अब वो घिसा-पीटा जीवन नहीं जियेगे .फर्क इतना है कि कुछ ऐसा 15 साल कि उम्र में करते है ,कुछ 50 साल कि उम्र में और बहुत से... कभी नहीं "
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