बुधवार, 26 जनवरी 2011

माँगने से नहीं मिलेगा

मिट्टी का एक कण, पानी की एक बूँद, हवा की एक लहर, अग्नि की एक चिनगारी और आकाश का एक कतरा-‘‘पाँचो पहाड़ की चोटी पर खड़े होकर भगवान सूर्य से प्रार्थना करने लगे-‘‘हे सविता देव ! हम भी आपके समान बनना चाहते हैं। हमें भी अपनी ही तरह प्रकाशवान-ऐश्वर्यवान बना दो।’’ सूर्य की एक किरण चमककर अपने आराध्य का संदेश लेकर आई- ‘‘भाइयों-बहनों !भास्कर के समान तेजस्वी बनना चाहते हो तो उठो। किसी से कुछ माँगो मत। अपना जो कुछ हैं, वह प्राणिमात्र की सेवा में आज से ही उत्सर्ग करना आरंभ कर दो। याद रखो ! गलने में ही उपलब्धि का मूलमंत्र हैं। जितना तुम औरों के लिए दोगे, उतना ही तुम्हें मिलेगा। माँगने से नहीं मिलेगा।’’

कोई टिप्पणी नहीं:

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin