अलबानिया की रानी एलिजाबेथ एक दिन समुद्री यात्रा पर जा रही थी। तूफान आया और जहाज बुरी तरह डगमगाने लगा। मल्लाहों का धीरज टूट गया और वे डूबने की आशंका व्यक्त करने लगे। रानी ने गंभीर मुद्रा में मल्लाहों से कहा-‘‘अलबानिया के राजपरिवार का कोई सदस्य अभी तक जलयान की दुर्घटना में डूबा नहीं हैं। मैं जब तक इस पर सवार हूँ, तब तक तुममें से किसी को भी डूबने की आशंका करने की जरूरत नहीं।’’
मल्लाह निश्चिन्त होकर डाँड चलाते रहे। तूफान ठंढ़ा हुआ और जहाज शांतिपूर्वक निश्चित स्थान पर पहुँच गया। यदि उन्हें घबराहट रही होती तो अस्त-व्यस्त काम करते और जहाज को डुबो बैठते।
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