रविवार, 23 अक्टूबर 2011

पटाखें फोड़ने से लाभ या हानि ?

सर्वोदय अहिंसा अभियान 

आओ ज्ञान का दिया जलायें, अंधकार को दूर भगाएँ।

1. देश का अरबों रूपया व्यर्थ बर्बाद होता हैं, जिससे गरीबी बढ़ती है।
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2. असावधानी के कारण घरों, दूकानों और कभी-कभी पूरे बाजार में आग लगने से अरबों रूपयों की सम्पत्ति स्वाहा हो जाती है। अनेक लोग जल जाते है।
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3. पटाखें से जलने के कारण शरीर जल जाता है।
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4. पटाखों की आवाज एवं बारूद के कारण आँख एवं कान खराब हो जाते है।
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5. अस्थमा के रोगी इन दिनों घर से बाहर नहीं निकल पाते है। उन्हें अकारण अवांछित कैद-जेल में रहने को मजबूर होना पड़ता है।
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6. आकाश में छोड़े जाने वाले पटाखों से अनेक पक्षी घायल हो जाते है या मारे जाते है
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7. पटाखों के धमाकों से मूक पशु-पक्षियों को असह्य मानसिक वेदना सहन करनी पड़ती है।
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8. अनन्त जीवों की हत्या होती है। पटाखों की आग से वे जीवित ही जल जाते है।
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9. हवा में प्राणघातक विषैला धुआँ फैलता हैं, जिससे श्वाँस लेना मुश्किल हो जाता है।
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10. घरों एवं अस्पतालों में बीमार व्यक्तियों/मरीजों को असीम वेदना सहन करनी पड़ती है।
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11. पटाखों पर देवी-देवताओं, महापुरूषों के चित्र बने होते है। पटाखा फटने के बाद इन चित्रों के टुकड़े हो जाते है, जो गंदगी के साथ पड़े रहते है और हमारे ही पैरों तले कुचले जाते है। एक ओर महापुरूषों के आदर-सम्मान की बातें, दूसरी ओर यह कृत्य कितना शोभास्पद है।
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12. चाइनीज पटाखों में हानिकारक केमिकल का प्रयोग होता है, जो बहुत ही नुकसानदायक होते है। हमें देशहित में भी विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए। फिर यह तो हमारे शरीर के लिए भी घातक है।
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आयोजक-अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन
प्रायोजक-श्री कुन्दकुन्द कहान पारमार्थिक ट्रस्ट, मुम्बई
सौजन्य- श्री संजय शास्त्री, जयपुर, 09785999100

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