रविवार, 23 अक्टूबर 2011

गायत्री माता...

गायत्री माता के पाँच मुख और दस हाथ आलंकारिक दृष्टि से चित्रित किये जाते है। कितनी ही मूर्तिया तथा तस्वीरे इस प्रकार के चित्रण सहित मिलती है। यह पाँच मुख अन्नमय कोष, मनोमय कोष, प्राणमय कोष, विज्ञानमय कोष, और आनन्दमय कोष है। दस भुजायें उपर्युक्त पाँच ज्ञानेन्द्रियों, पाँच देवियो और पाँच मानस तत्व से सम्बन्धित पाँच देवता हैं, इन दोनो को मिलाकर गायत्री की दस भुजायें बनती है।

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