गुरुवार, 9 जून 2011

अखण्ड ज्योति अप्रेल 1979

1. दृश्य नहीं, दर्शक बने

2. अवश्यमेव भोक्तव्यं कर्मफल शुभाशुभम्

3. नास्तिकता कोई विचारधारा नहीं, चित्त की स्थिति है

4. प्रतिकूलताओं को चुनौति देती मानवी चेतना

5. तोड़ना आसान, जोड़ना कठिन

6. परमात्मा का अस्तित्व और अनुग्रह

7. प्रकृति की विलक्षणताये और उनका अर्थ

8. यह रिश्तेदारी नहीं भूलें

9. यह अविच्छिन्न जीवन प्रवाह

10. जीवन का अर्थ चेतना

11.शक्तियां सँजाये, खोये नहीं

12. अन्यथा मनुष्य एक निरीह प्राणी ही है

13. नीतिमत्ता सर्वमान्य योग्यता

14. अन्तःकरण की प्यास प्रेम साधना से ही बुझेगी

15. कृपया कृपण न बने

16. पूजा के फूल

17. अतीन्द्रिय शक्तियाँ और उनका प्रयोजन

18. सम्पदायें ही नहीं विभूतियाँ

19. शान्ति-एकान्त की शक्ति और उपयोगिता

20. स्वाध्याय की उपेक्षा न करे

21. महापुरूष पुस्तकों की प्रयोगशाला में

22. विनोदवृति एक बहुमूल्य विशेषता

23. खिलखिलायें नहीं तो मुस्कराये अवश्य

24. आचार्य श्रीराम शर्मा का व्यक्तित्व और कृतित्व

25. अपनो से अपनी बात

26. युग निर्माण करेंगे अब हम

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