मंगलवार, 24 मई 2011

अखण्ड ज्योति अक्टूबर 1967

1. सतयुग का पुनरागमन

2. भावी विभीषिकायें और उनका प्रयोजन

3. महाकाल और उनका रोद्र रूप

4. त्रिपुरारी महाकाल द्वार तीन दैत्यों का उन्मूलन

5. शिव का तृतीय नेत्रोन्मीलन और काम-कौतुक की समाप्ति

6. दशम अवतार और इतिहास की पुनरावृति

7. ‘‘सहस्त्र शीर्षा पुरूषः..................’’

8. ध्वंस के देवता और सृजन की देवी

9. उद्धत दक्ष की मूर्खता और सती की आत्महत्या

10. रावण का असीम आतंक अन्ततः यों समाप्त हुआ

11. भगवान परशुराम द्वारा कोटि-कोटि अनाचारियों का शिरच्छेद

12. भागीरथों और शुनिशेपों की खोज

13. आज की सबसे बड़ी बुद्धिमता और लोक सेवा

14. अपना परिवार-उच्च आत्माओं का भाण्डागार

15. विशेष प्रयोजन के लिए, विशिष्ट आत्माओ का विशेष अवतरण

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