1. निर्माण और निर्वाण की जोड़ी
2. ईश्वर अंश जीव अविनाशी
3. आत्मज्ञान से ही दुखों की निवृत्ति सम्भव हैं
4. सुखद भविष्य की आशा रखिए
5. शिष्ट व्यवहार की मनुष्यता की शोभा हैं
6. महान् वे बनते हैं जो कठिनाइयों से डरते नहीं
7. सहानुभूति, मनुष्य का दैवी गुण
8. भौतिकवादी दृष्टिकोण हमारे लिए नरक सृजन करेगा
9. असफलता को देखकर निराश न हो
10. इर्ष्या नहीं स्वस्थ स्पर्धा कीजिए
11. बाह्य और आन्तरिक मलीनता दूर हटाये
12. शुभ कार्य के लिए हर दिन शुभ हैं
13. अपनो से अपनी बात-गीता जयन्ती से ब्रह्म विद्यालय प्रारम्भ
14. प्रतिज्ञा का कर्तव्य और उत्तरदायित्व-भावावेश अथवा कौतुहल में भरे प्रतिज्ञा पत्र वापस लेलें
2. ईश्वर अंश जीव अविनाशी
3. आत्मज्ञान से ही दुखों की निवृत्ति सम्भव हैं
4. सुखद भविष्य की आशा रखिए
5. शिष्ट व्यवहार की मनुष्यता की शोभा हैं
6. महान् वे बनते हैं जो कठिनाइयों से डरते नहीं
7. सहानुभूति, मनुष्य का दैवी गुण
8. भौतिकवादी दृष्टिकोण हमारे लिए नरक सृजन करेगा
9. असफलता को देखकर निराश न हो
10. इर्ष्या नहीं स्वस्थ स्पर्धा कीजिए
11. बाह्य और आन्तरिक मलीनता दूर हटाये
12. शुभ कार्य के लिए हर दिन शुभ हैं
13. अपनो से अपनी बात-गीता जयन्ती से ब्रह्म विद्यालय प्रारम्भ
14. प्रतिज्ञा का कर्तव्य और उत्तरदायित्व-भावावेश अथवा कौतुहल में भरे प्रतिज्ञा पत्र वापस लेलें
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