1. बबूला
5. प्रेम-मार्ग
15. प्रेम और मोह
16. शिखा के लाभ
17. मेरी झोली
18. ज्ञानी कौन हैं ?
22. जीन जेक रूसो
23. तुम क्या हो ?
25. पंडित कौन हैं ?
26. पाठकों के पत्र
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें