1. प्रभु से
7. गुप्त साधना
10. सत्संग
12. गृहस्थ योगी
14. थोथा ब्रह्मज्ञान
19. दंभ मत करो
20. कलियुग या सतयुग
25. स्वरोदय
26. अलिप्त कर्मकर्ता
27. उत्साह का जादू
28. गरीब की हाय
29. अपरोक्ष आवाहन
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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