1. जाग्रति गान
2. दिवाली
6. दुःख का कारण
7. प्रार्थना
12. सद्व्यवहार
17. देवी सम्पत्ति
19. एक कदम नीचे
24. ध्येय की सिद्धि
25. भीरूता का अभिशाप
26. निराश मत करिए
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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