शनिवार, 4 जुलाई 2009

युग परिर्वतन के अग्रदूत

परमपूज्य गुरुदेव आचार्य श्रीराम शर्मा अपने प्रवचन में कहा करते थे-``मै धरती का भाग्य-भविष्य बदलने आया हूँ। मै आना नही चाहता था, पर मुझे धकेला गया है । और विशिष्ट कार्यो के लिए भेजा गया है । लोग मुझे मनोकामना पूरी करने की मशीन मानते है । मै उनकी थोड़ी मानकर उन्हें बदलने का प्रयास करता हूँ । जो बदल जाते हैं, वे ही मेरे सैनिक-युग परिर्वतन के अग्रदूत बन जाते है ।

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