शनिवार, 4 जुलाई 2009

जाग्रत लोकमानस

पत्रिका के प्रेस में जाते समय एक ऐसा घटनाक्रम घट गया है, जिसने सारे राष्ट्र की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर पड़ोसी देश पाकिस्तान के दुर्दांत आतंकवादियो ने मानो युद्ध छेड़ दिया है। जिस तरह से यह सुनियोजित हमला 26 नवंबर की रात्रि को हुआ, सारा देश सकते मे आ गया है । लगभग 150 से अधिक व्यक्ति मुंबइ के विभिन्न इलाको मे आतंकवादियों के हाथों मारे गए हैं एवं अगणित घायल बताए गए है। पूरी मुबंई के नगरवासियो ने पूरे धैर्य के साथ संकट का मुकाबला किया है,

पर यह कब तक चलेगा ? क्यों इस युद्ध जैसी घटना पर राजनीति की जा रही है ?

सांप्रदायिक उन्माद के नाम पर इन हमलों से कब तक भारतवासी आतंक में जिएँगें ?

क्या हमारा पूरा देश इस समय एक नही हो सकता ?

ऐसे घटनाक्रम फिर न हों, इसका आश्वासन हमें कौन देगा ?

संभवत: जाग्रत लोकमानस
, जो उन सभी को कड़ा जवाब दे, जो क्षेत्रवाद, संप्रदायवाद , जातिवाद व वोट की राजनीति की रोटी खाते हे। `अखण्ड़ ज्योति´ एक आध्यात्मिक सामाजिक पत्रिका है, पर सबसे एक अपील करती हैं कि यह समय साहस रखने का है, सबकी एकजुटता का है । विश्वशांति के लिए हम सभी मिलकर प्रार्थना करे तो निश्चित ही भारतवासियों की पुकार भगवान सुनेंगें । हम राजनीति से परे चलें एवं एक अखंड राष्ट्र के लिए चिंतन करें । अधिक जागरुक बनें एवं महाकाल की सत्ता पर- दंड-विधान पर विश्वास रखे। सभी मृतात्माओ के लिए हम सभी की ओर से शांति की प्रार्थना ! सभी को शक्ति मिले , बल मिले , यही परमात्मा से प्रार्थना ।

           
आप भी जनमानस परिष्कार मंच के सदस्य बन कर युग निर्माण योजना को सफल बनायें।

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