मंगलवार, 24 मई 2011

अखण्ड ज्योति सितम्बर 1965

1. ईश्वर की रचना निन्दनीय न ठहरे

2. शास्त्र-चर्चा

3. यह सृष्टि ही परमात्मामय हैं

4. जो कुछ हैं सब तोहि

5. आत्म साक्षात्कार के लिए जप भी, तप भी

6. सत्यं, शिवम्, सुन्दरम् और उनकी विवेचना

7. जगद्गुरू भारत और उसका पुनरूत्थान

8. जटिल नहीं, जीवन को सरल बनाइये

9. हम आध्यात्मिक प्रगति के लिए यह करे

10. विचारों की शक्ति अपरिमित हैं

11. अहिंसा के अनन्य उपासक-भगवान महावीर

12. जीवन महान् कैसे बने ?

13. पुरूषार्थ धर्म हैं, कामनाएं बन्धन

14. सेवा योगी-स्वामी रामकृष्ण परमहंस

15. दुर्गुणों को त्यागिए, सद्गुणी बनिए

16. माँ कस्तुरबा गांधी

17. जीवन में कठिनाइयां भी आवश्यक हैं

18. मनुष्य अपनी तुच्छता भी जाने

19. स्वास्थ्य के देवदूत-कार्नेरो

20. अर्थोपार्जन के आध्यात्मिक प्रयोग

21. समाज सृष्टा-महात्मा भगवान दीन

22. युग निर्माण आन्दोलन की प्रगति

23. कायर नहीं कहाउंगा-गीत

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