मंगलवार, 21 दिसंबर 2010

शान्त मस्तिष्क

प्रत्येक छोटे से लेकर बड़े कार्यक्रम शान्त और संतुलित मस्तिष्क द्वारा ही पूरे किए जा सकते हैं। संसार में मनुष्य ने अब तक जो कुछ भी उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनके मूल में धीर-गंभीर, शान्त मस्तिष्क ही रहे हैं। कोई भी साहित्यकार, वैज्ञानिक, कलाकार-शिल्पी, यहा तक की बढ़ई, लोहार, सफाई करने वाले श्रमिक तक अपने कार्य, तब तक भली भांति नहीं कर सकते, जब तक उनकी मन-स्थिति शान्त न हो

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