बुधवार, 3 अक्टूबर 2012

भूल

भूल से बुद्धि-विकास होता है। एक भूल का अर्थ है - आगे के लिए अकलमंदी। संसार के अनेक पशु भूल से विवेक सीखते हैं लेकिन मनुष्य उनसे बहुत जल्दी सीखता है। भूल का अर्थ है कि भविष्य में आप अपनी गलती नहीं दुहराएँगे। भूल से अनुभव बढ़ता है। संसार में व्यक्ति के अनुभव का ही महत्व है। अनुभव अनेक भूलों द्वारा अर्जित सद्ज्ञान है। भूल यदि दोहराई न जाय तो बुद्धि-विकास में बहुत सहायता करती है। महापुरूषों के जीवन में अनेक क्षण ऐसे आए हैं, जब वे भूलों के बल पर महान बने हैं। 

- पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, 
आत्मज्ञान औरआत्मकल्याण, पृ. १०

कोई टिप्पणी नहीं:

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin