लगातार असफल होने से आपको साहस नहीं छोड़ना चाहिए। असफलता के द्वारा आपको अनुभव मिलता है। आपको वे कारण मालूम होंगे, जिनसे असफलता हुई है और भविष्य में उनसे बचने के लिए सचेत रहोगे। आपको बड़ी-बड़ी होशियारी से उन कारणों की रक्षा करनी होगी। इन्हीं असफलताओं की कमजोरी में से आपको शक्ति मिलेगी।
असफल होते हुए भी आपको अपने सिद्धांत, लक्ष्य, निश्चय और साधन का दृढ़ मति होकर पालन और अनुसरण करना होगा। आप कहिए, ‘कुछ भी हो मैं अवश्य पूरी सफलता प्राप्त करूंगा, मैं इसी जीवन में नहीं इसी क्षण आत्मसाक्षात्कार करूंगा। कोई असफलता मेरे मार्ग में रूकावट नहीं डालसकती।’
प्रयत्न और कोशिश आपकी ओर से होनी चाहिए। भूखे मनुष्य को अपने आप ही खाना पड़ेगा। प्यासे को पानी अपने आप ही पीना पड़ेगा। आध्यात्मिक सीढ़ी पर आपको हर एक कदम अपने आप ही रखना पड़ेगा।
-पं. श्रीराम शर्मा आचार्य,
आत्मज्ञान और आत्मकल्याण, पृ. ६"
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