अपने चारों तरफ हर जगह दुःख, गरीबी, और बुराइयां देखकर एक दिन एक आदमी अपना आपा खो बैठा और आसमान की ओर देखते हुए धरती पीट-पीटकर उसने भगवान से कहा :-
“देखो तुमने कैसी दुनिया बनाई है ! यहाँ दुःख और दर्द के सिवा कुछ नहीं है ! हर तरफ खूनखराबा और नफरत है ! हे ईश्वर ! ऐ मेरे भगवान तुम कुछ करते क्यों नहीं !?”
भगवान ने उसकी दर्दभरी पुकार सुनी ली, और कहा :-
“मैंने किया है. मैंने तुम्हें वहां भेजा है”.
“देखो तुमने कैसी दुनिया बनाई है ! यहाँ दुःख और दर्द के सिवा कुछ नहीं है ! हर तरफ खूनखराबा और नफरत है ! हे ईश्वर ! ऐ मेरे भगवान तुम कुछ करते क्यों नहीं !?”
भगवान ने उसकी दर्दभरी पुकार सुनी ली, और कहा :-
“मैंने किया है. मैंने तुम्हें वहां भेजा है”.
कुछ करिए। जिम्मेदारी उठाइये. आपका अनिश्चय और अनिर्णय आपको कहीं नहीं ले जाएगा.
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