शुक्रवार, 17 जुलाई 2009

कुछ करिए.

अपने चारों तरफ हर जगह दुःख, गरीबी, और बुराइयां देखकर एक दिन एक आदमी अपना आपा खो बैठा और आसमान की ओर देखते हुए धरती पीट-पीटकर उसने भगवान से कहा :- 

“देखो तुमने कैसी दुनिया बनाई है ! यहाँ दुःख और दर्द के सिवा कुछ नहीं है ! हर तरफ खूनखराबा और नफरत है ! हे ईश्वर ! ऐ मेरे भगवान तुम कुछ करते क्यों नहीं !?”

भगवान ने उसकी दर्दभरी पुकार सुनी ली, और कहा :-

“मैंने किया है. मैंने तुम्हें वहां भेजा है”.

कुछ करिए। जिम्मेदारी उठाइये. आपका अनिश्चय और अनिर्णय आपको कहीं नहीं ले जाएगा.
         

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