1) जहाँ विचारों का सम्मान न हो और सत्य अप्रिय लगे, वहाँ मौन साध लो।
-------------------
2) जहाँ प्रेम हैं, वहाँ सत्ययुग हैं। जहाँ कलह हैं, वहाँ कलियुग है।
-------------------
3) जहाँ शासक चरित्र विहीन, वहाँ आपदा नित्य नवीन।-------------------
4) जहाँ स्थूल जीवन का स्वार्थ समाप्त होता हैं, वहीं मनुष्यता प्रारम्भ होती है।-------------------
5) जहाँ सच्चा प्रेम हैं- वहाँ त्याग, उत्सर्ग और बलिदान की भावना होना अनिवार्य है।-------------------
6) जहाँ से विनम्रता हटती हैं, सहज ही वहाँ से प्रभु की अनुकम्पा समाप्त हो जाती है।-------------------
7) जहाँ व्यक्ति का मिथ्या अहंकार समाप्त हो जाता हैं, वहीं उसकी गरिमा आरम्भ होती है।-------------------
8) जहाँ व्याख्यानदाता बहुत हो वहाँ जहाँ तक हो व्याख्यान न दो।-------------------
9) जहाँ नहीं हैं सत्य विचार, वहाँ व्यर्थ धन का भण्डार।-------------------
10) जहाँ नदी गहरी होती हैं, वहाँ जल प्रवाह शान्त और गम्भीर होता है। -------------------
11) जीवन एक पुष्प हैं और प्रेम उसका मधु।-------------------
12) जीवन एक नाटक हैं, यदि हम इसके कथानक को समझ ले तो सदैव प्रसन्न रह सकते है।-------------------
13) जीवन बहुमूल्य हैं, उसे निरर्थक प्रयोजनों के लिये खर्च मत करो।-------------------
14) जीवन बहुत तथ्य जानने से नहीं, बल्कि सत्य की एक छोटी सी अनुभूति से ही बदल जाता है।-------------------
15) जीवन की मंजिल पर रो-रो कर चलना पौरुष का अपमान है।-------------------
16) जीवन की हार और जीत को भी खेल समझ कर खेले।-------------------
17) जीवन की सबसे बडी सफलता सद्बुद्धि को प्राप्त करना है।-------------------
18) जीवन की सभी आवश्यकताओं के लिये परमात्मा पर्याप्त है।-------------------
19) जीवन का सच्चा सदुपयोग ही जीवन का महामन्त्र है।-------------------
20) जीवन को नियम के अधीन कर देना आलस्य पर विजय पाना है।-------------------
21) जीवन को वही समझता हैं जो प्रेम करता हैं और दान करता है।-------------------
22) जीवन के क्रियाकलाप बाहरी अनुशासन के बजाय आत्मानुशासन द्वारा संचालित होने चाहिये।-------------------
23) जीवन में दो ही व्यक्ति असफल होते हैं , एक वे जो सोचते हैं, पर करते नहीं। दूसरे वे जो करते हैं पर सोचते नहीं।-------------------
24) जीवन में नींद न हो तो मनुष्य रोता-रोता मर जाए। मनुष्य के सोने से उसकी पीड़ा भी कुछ देर को सो जाती है।-------------------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें