सोमवार, 13 जून 2011

अखण्ड ज्योति फरवरी 1984

1. बन्धन मुक्ति का राजमार्ग

2. भगवान का सुबोध और सार्थक नाम सच्चिदानन्द

3. चित्तवृत्ति निरोध का तत्वदर्शन

4. नियन्ता की विधि व्यवस्था का प्रमाण कर्मफल सिद्धान्त

5. सत्य के प्रकाश को हृदयंगम करे

6. हठयोग लाभदायक भी हानिकारक भी

7. आखिर मृत्यु से भय क्यों ?

8. प्रेतबाधा एक चिकित्सा योग्य मनोरोग

9. भरी गृहस्थी उजड़ी

10. हम सभी जन्म-मरण चक्र में घूमते हैं

11. मनुष्य देवता और दैत्य

12. सूर्य की क्षमता और आराधना

13. भूखण्ड भी खिसक और बिखर रहे हैं

14. जीवन बहुमूल्य हैं इसे व्यर्थ न गँवायें

15. मृत शरीरों में भी प्राण ऊर्जा की झलक-झाँकी

16. जीव-जगत पर वातावरण की प्रत्यक्ष एवं परोक्ष प्रतिक्रियाएँ

17. विज्ञान को पथ भ्रष्ट होने से रोका जाय

18. दृश्य की तरह एक अदृश्य जगत भी हैं

19. अन्तर्ग्रही परिस्थितियों का मानवी स्वास्थ्य पर प्रभाव

20. दूरवर्ती वातावरण को प्रभावित करने की प्रक्रिया

21. निद्रा आवश्यक तो हैं पर अनिवार्य नहीं

22. बुढ़ापे की रोकथाम सम्भव भी और सरल भी

23. विवाह और प्रजनन की नई समीक्षा

24. प्रार्थना की प्रचण्ड शक्ति सामर्थ्य

25. प्राणशक्ति के उर्ध्वगमन की चमत्कारी परिणतियाँ

26. वेदों में यज्ञ चिकित्सा का प्रतिपादन

27. तारक मन्त्र गायत्री

28. संगीत विनोद ही नहीं उपासना भी

29. अपनो से अपनी बात

30. भूत और वर्तमान का भविष्य में विलयन-नवयुग का आगमन

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