1. उत्तिष्ठ, जागृत प्राप्य वरान्निबोधत
2. दूसरी पंक्ति मे हर किसी की साझेदारी सम्भव
3. प्रज्ञा परिजनों के लिए निर्धारित सप्त सूत्री कार्यक्रम-2
4. जीवन साधना की व्यावहारिक तपश्चर्या
5. परिवार में सत्प्रवृत्तियों की फसल उगायें
6. अवाँछनीयता के आगे सिर न झुकायें
7. शिक्षा और विद्या की अभ्यर्थना हमारे हर परिवार में चल पड़े
8. जीवन को सींचे जिसकी हरितिमा फूले-फले
9. आलोक वितरण का पुण्य परमार्थ-आज का युगधर्म
10. छोटे सप्त सूत्र सात समुद्रो की तरह महान्
11. प्रज्ञा परिजनों के पाँच दिवसीय प्रेरणा सत्र
12. अपनो से अपनी बात
13. अगले वर्ष के सम्मेलन समारोह
14. पुरोहित से-कविता
2. दूसरी पंक्ति मे हर किसी की साझेदारी सम्भव
3. प्रज्ञा परिजनों के लिए निर्धारित सप्त सूत्री कार्यक्रम-2
4. जीवन साधना की व्यावहारिक तपश्चर्या
5. परिवार में सत्प्रवृत्तियों की फसल उगायें
6. अवाँछनीयता के आगे सिर न झुकायें
7. शिक्षा और विद्या की अभ्यर्थना हमारे हर परिवार में चल पड़े
8. जीवन को सींचे जिसकी हरितिमा फूले-फले
9. आलोक वितरण का पुण्य परमार्थ-आज का युगधर्म
10. छोटे सप्त सूत्र सात समुद्रो की तरह महान्
11. प्रज्ञा परिजनों के पाँच दिवसीय प्रेरणा सत्र
12. अपनो से अपनी बात
13. अगले वर्ष के सम्मेलन समारोह
14. पुरोहित से-कविता
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