10. नर तन का सदुपयोग
11. देने से मिलेगा
12. मिल कर चलो
16. प्रेम का भगवान
18. बड़ा आदमी
19. स्वर्ग और नरक
20. ईश्वर का भजन
21. सतयुग की कल्पना
22. तृष्णाएं छोड़ो
24. पिशाच से देवता
31. सत्य सन्देश
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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