5. संयुक्तांक
6. दस लेखमालाएं
10. अहं ब्रह्मास्मि
12. आकस्मिक सुख दुख
15. ‘द’ ‘द’ ‘द’
19. जन्म और जाति
20. ईश्वर और जीव
21. मूर्खों से पराजय
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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