बात स्वतंत्रता आंदोलन के दिनों की हैं, क्रांग्रेस ने देशवासियों से गांधी दिवस मनाने और तिलक स्वराज फण्ड के लिए चंदा जमा करने की अपील की। लाहौर में पुलिस का कड़ा प्रबंध था, अत: कोई व्यक्ति जब हिम्मत न कर सका, तब वहाँ महिलाओं ने सभा की, भाषण दिए, खद्धर बेचा और चंदा इकट्ठा किया, यह देखकर सारा लाहौर गांधी दिवस मनाने उमड़ पड़ा।
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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