रविवार, 12 जून 2011

अखण्ड ज्योति जनवरी 1981

1. लक्ष्य की दिशा में अनवरत यात्रा

2. उत्तरदायित्वों को निभायें, महान् बनें

3. विश्व का तात्विक स्वरूप जानने के लिए साधना की आवश्यकता

4. पुष्पक विमान को बैलगाडी तो न बनाइये

5. जड़-चेतन की गुत्थियों का समाधान

6. मरने वाला फिर भी जन्मेगा

7. अपना मूल्यांकन, आप कीजिए

8. सृष्टा का सृजन कितना सुन्दर कितना समग्र ?

9. अट्ठाईस बरस बाद

10. मनुष्य प्रकृति नियमों में सर्वथा आबद्ध नहीं

11. अशुभ चिन्तन छोडि़ए-भयमुक्त होइये

12. वर्तमान के आँगन में भूत और भविष्यत्

13. जीवन की सरसता भाव संवेदनाओं पर निर्भर

14. समृद्धि कोई दुर्लभ उपलब्धि नहीं

15. अनायास समृद्ध होने की बात न सोचें

16. शब्द ब्रह्म और नाद ब्रह्म की साधना

17. प्राणाग्नि अणुशक्ति से भी बृहतर

18. बन्ध मुद्राओं का स्थूल तथा सूक्ष्म प्रभाव

19. आहार संयम और अन्नमय कोष का जागरण

20. परिवर्तन का आधार अन्तःकरण

21. अन्तर्ग्रही असन्तुलन की भावी विभीषिकाएँ

22. अगले दिनो विश्व का नेतृत्व भारत ही करेगा

23. प्रत्यक्ष आचरण द्वारा साहसिकता का प्रशिक्षण

24. अपनो से अपनी बात

25. धर्म तन्त्र की गरिमा

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