सोमवार, 30 मई 2011

अखण्ड ज्योति जून 1968

1. उठो, जागो, आत्मदर्शी बनो

2. परमात्मा का आशीर्वाद और प्यार केवल सतपात्रों को

3. आनन्द का मूल स्त्रोत प्रेम ही तो हैं

4. अध्यात्म-समस्त समस्याओं का एकमात्र हल

5. हमारी प्रगति सामूहिक सहयोग पर निर्भर हैं

6. कामनाओं को नियंत्रित और मर्यादित रखे

7. विचारों का महत्व और प्रभुत्व

8. असंतुष्ठ रह कर चित्त को दुखी न करे

9. परिवार का आदर्श और उद्देश्य

10. तीस वर्ष में नया युग आकर रहेगा

11. गायत्री उपासना से प्राण शक्ति का अभिवर्द्धन

12. हमारा महत्वपूर्ण प्रकाशन

13. मानवता की पूजा

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