सोमवार, 30 मई 2011

अखण्ड ज्योति नवम्बर 1968

1. धर्म न तो अवैज्ञानिक हैं और न अनुपयोगी

2. परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम द्वारा ही सम्भव है

3. ज्ञान ही मनुष्य की वास्तविक शक्ति

4. हमारा जीवन नीति आदर्शवाद से प्रेरित हो

5. विराट् ब्रह्म का भावनात्मक पार-दर्शन

6. भूगोल बदल रहा हैं तो इतिहास भी बदलेगा

7. आत्मा का अस्तित्व अमान्य न किया जाय

8. सम्पत्तिया नहीं, विभूतियां श्रेयस्कर है

9. मानव शरीर एक सर्वांगपूर्ण यंत्र हैं

10. अदृश्य लोक के निवासी-हमारे अदृश्य सहायक

11. मनुष्य शरीर की एक रहस्यमय शक्ति-कुण्डलिनी

12. प्रेम साधना द्वारा आन्तरिक उल्लास का विकास

13. ‘उपयोगितावाद’ हमें हिप्पी बनाकर छोड़ेगा

14. लोकान्तर आवागमन-एक तथ्य, एक सत्य

15. भविष्य दर्शन का विज्ञान

16. हम धैर्य और साहस के साथ ही आगें बढ़े

17. जीवन शक्ति का अजस्र स्त्रोत-संगीत

18. दैवी-शक्ति द्वारा गुप्त रहस्यों का उद्घाटन

19. गर्भस्थ शिशु का इच्छानुवर्ती निर्माण

20. गायत्री का देवता सविता पर एक वैज्ञानिक दृष्टि

21. अपनो से अपनी बात

22. मुझे यह कभी नहीं स्वीकार

कोई टिप्पणी नहीं:

LinkWithin

Blog Widget by LinkWithin