शनिवार, 14 मई 2011

अखण्ड ज्योति अगस्त 1957

1. वन्दन हैं उसे सौ बार

2. हमारे धर्म का आदि स्त्रोत वेद ही हैं

3. हिन्दू धर्म लौकिक और पारलौकिक उन्नति का मूल हैं

4. परमेश्वर को पाने के लिए प्रतीकोपासना आवश्यक हैं

5. ज्ञान के नेत्र

6. जाति-भेद हिन्दू समाज का घुन हैं

7. सच्चरित्रता का मूल आधार ईश्वर भक्ति ही हैं

8. भोजन की शुद्धता का हमारे चरित्र पर प्रभाव

9. अभ्यास और साधना ही सफलता की कुंजी हैं

10. प्रकृति की ओर लौटो

11. जन-संख्या की समस्या

12. संस्कृत भाषा का महत्व

13. युग परिवर्तन में नारी का सहयोग

14. परिव्राजक चाहिए ! परिव्राजक चाहिए !!

15. पाप की कमाई से सच्चा सुख नहीं मिलता

16. भय और व्यक्तित्व का विकास

17. गायत्री उपासना के अनुभव

18. चमत्कार को नमस्कार

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