शनिवार, 11 दिसंबर 2010

सच्चा चिकित्सक

ईसा का अधिकांश समय पापी, दुखियों के साथ बीतता। वे उनसे चर्चा करते, उन्हें सुधारने, उनके कष्ट मिटाने की सेवा-सहायता में लगें रहते। एक दिन धन एवं विद्धानों की मंडली उनके पास आई व कहने लगी कि आप हम वरिष्ठों पर अधिक ध्यान क्यों नही देते। हम जो आप की सहायता करेगें वह आपके ही कम आएगी । ईसा सुनकर बोले- ‘‘रोगी को चिकित्सक की आवश्यकता पड़ती है । सच्चा चिकित्सक वही है, जो रोगीयों की व्यथा समझे, उनकी सहायता करे । मेरा कार्यक्षेत्र यही रोगी-दुखी-पथ भूले लोग हैं। 

1 टिप्पणी:

ममता त्रिपाठी ने कहा…

आपका ब्लॉग अच्छा लगा। जनमानस परिष्कार मंच के लिये हार्दिक शुभकामनायें

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